रेड शिफ्ट परिघटना
यदि हम प्रकाश स्रोत की और चलें , तो प्रकाश तरंग की आवर्ती में आभाषी वर्द्धि होगी अथार्त यह दृश्ये प्रकाश के स्पेक्ट्रम के नीले वर्ण की और विस्थापित होगी । इसके विपरीत प्रकाश स्रोत से दूरी बढ़ती जाये तो प्रकाश की आवृति में आभासी ह्वास होगा अथार्त लाल वर्ण की और विस्थापित होगी । इसी आधार पर ही 1929 में कैलिफोर्निया स्थित विलशन वेधशाला में करए करते हुए एडविन हबल ने ब्रह्माण्ड में होने वाले प्रकाश की पुस्टि करी।
यदि हम प्रकाश स्रोत की और चलें , तो प्रकाश तरंग की आवर्ती में आभाषी वर्द्धि होगी अथार्त यह दृश्ये प्रकाश के स्पेक्ट्रम के नीले वर्ण की और विस्थापित होगी । इसके विपरीत प्रकाश स्रोत से दूरी बढ़ती जाये तो प्रकाश की आवृति में आभासी ह्वास होगा अथार्त लाल वर्ण की और विस्थापित होगी । इसी आधार पर ही 1929 में कैलिफोर्निया स्थित विलशन वेधशाला में करए करते हुए एडविन हबल ने ब्रह्माण्ड में होने वाले प्रकाश की पुस्टि करी।
प्रकाश श्रोत की और बढ़ने पर प्रकाश तरंग नीली तथा प्रकाश श्रोत से दूर जाने पर प्रकाश तरंग लाल रंग की आभास होती है
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